ग़मों से मेरा नाता नहीं मुझे मेरी हंसी से मिलना है,
मुझे अब मेरी उस खोई हुई खुशी से मिलना है।
मैं क्या वही हूँ जो अब ख़ुद को नज़र आता हूँ,
देर से ही सही मगर मुझको अब मुझी से मिलना है।
ये मेरी दुनिया है सब अपने हैं तू भी तो मेरा है,
ख़त्म अब क़तारहमी मुझे अब सभी से मिलना है।
मौत तो आना है उसका इंतजार क्या करना,
चंद सांसें ही सही मुझे अब ज़िन्दगी से मिलना है।
तेरी चाहतों के कुफ़्र में गुज़रती थी ज़िन्दगी,
अब याद आ गया ख़ुदा मुझे बंदगी से मिलना है।