गुलाब

दो बूंद भी लिखने बैठूं तो सैलाब लिख जाता है। में मोहब्बत भी लिखता हूँ तो इंक़लाब लिख जाता है।…

फ़ितरत

मुझे देखकर यूं निगाहें फेर लेना ये शायद उसकी आदत है।                   …

बेटी – Beti

जब भी घर में जाता हूं वह दौड़ के लिपट जाती है वह मेरी बेटी ही है जिससे मेरी दुनिया…

इश्क़

कितना मुश्किल है इश्क़ की कहानी लिखना। जैसे पानी पे, पानी से, पानी लिखना। सिर्फ कश्ती की ही बात क्यों,…