अच्छी बॉडी कैसे बनायें

आजकल बॉडी बनाने और फिटनेस को जो ट्रेंड है उसको लेकर अधिकतर लोग दीवाने हैं। बड़े बाइसेप्स और 6 पैक एब्स नई पीढ़ी की पहचान बनते जा रहे हैं, और उसका कारण ये है कि जो लोग मेहनत करके अच्छी बॉडी बना लेते हैं या बेहतर फिटनेस कर लेते हैं,अचानक सोसाइटी में उनकी प्रेजेंस दिखाई देने लगती है, उनकी फैन फॉलोइंग बढ़ जाती है, उनके दोस्त बढ़ जाते हैं, लोग उनके करीब भी आना चाहते हैं।

उनकी यही प्रेजेंस दूसरे लोगों को उनकी और आकर्षित करती है। और आकर्षित या अच्छे दिखने की पहली शर्त है कि आपका शरीर आकर्षित हो जिससे आप जो भी पहनो वो आपके शरीर पर अच्छा लगे।

अच्छे कपड़े और अच्छा शरीर हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहे हैं। समाज के लोग आपके शरीर से ही आपकी ताक़त और कपड़ों से आपकी हैसियत तय करते हैं, तो समाज में रहने के लिए भी अच्छे कपड़े और अच्छा शरीर आवश्यक है। आजकल युवाओं में शरीर हो या कपड़े दोनो ही को लेकर दीवानगी है।

बेहतर शरीर कैसे पा सकते हैं?
How can we get a better body?

अब बात करते हैं मूल प्रश्न की जो लोग एक जिम कोच और जिम ऑनर होने के नाते मुझसे अक्सर पूछते हैं कि हम  बेहतर शरीर कैसे पा सकते हैं? या अच्छा शरीर पाने के लिए क्या करें?

कभी कभी वो सवाल ऐसे होते हैं कि हंसी छूट जाती है। में पिछले डेढ़ दशक से इस फील्ड में हूँ और डेढ़ दशक एक लंबा अरसा होता है। मैंने इस फील्ड और इससे रिलेटेड मशीनों से लेकर वर्कआउट और लोगों की सोच में भी काफी बदलाव देखे हैं और आपसे वो सब सांझा करने के लिए एक लंबा अनुभव और कहानियां हैं।

कुछ साल पहले और अब में जो सबसे अधिक बदलाव मेने महसूस किया है वो ये कि आज की पीढ़ी को सबकुछ बड़ी जल्दी चाहिए। जिसके लिए उनके पास वक़्त नहीं है। पहले सवाल पूछे जाते थे कि कितने साल में अच्छी बॉडी बन जाएगी? उसके बाद एक दौर आया जब वो सवाल महीनों में बदल गया लेकिन अब जो लड़के आते हैं वो सीधा पूछते हैं कि कितने दिन में बॉडी बन जाएगी?

उन्हें जल्दी से जल्दी अपना शरीर आकर्षित बनाना है और उस पर लाइक्स और कॉमेंट्स पाना हैं। आप ये समझिए कि ये आपका शरीर है और इसको इस हिसाब से ट्रेन करना है कि ये आकर्षक होने के साथ साथ मज़बूत भी हो केवल दिखावा आपका मकसद नहीं होना चाहिए।

जिम और वर्कआउट का सबसे बड़ा फायदा कि व्यक्ति स्ट्रेस फ्री रहता है।
The biggest advantage of gym and workout is that the person remains stress free.

जिम जाने और वर्कआउट करने का सबसे बड़ा फायदा है कि आप स्ट्रेस फ्री रहेंगे आप जो एमिनो एसिड्स और ज़रूरी तत्व अपने शरीर को देंगे उनका एक फायदा ये भी है कि उससे आपका मूड ठीक रहता है और पसीने के साथ शरीर से हानिकारक पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं। जिससे आप रोगमुक्त भी रहेंगे।

जब आपका शरीर मज़बूत होगा और सही दिशा में ट्रेन हो रहा होगा तो आप काफी वक्त तक जवान रह सकते हैं।

इससे आपका शरीर आकर्षण तो होगा ही साथ में जीवन में स्ट्रेस नाम की भी कोई चीज़ नहीं होगी। और उसके लिए आपको कुछ अलग से करने की भी आवश्यकता नहीं है। लेकिन इसमें जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।

बॉडी बनाने के चक्कर में शार्टकट नहीं अपनाना चाहिए।
Shortcuts should not be adopted in the process of building a body builder.

इस जल्दबाजी के चक्कर मे कुछ लोग शार्ट कट अपनाने से भी नहीं चूकते, और इसी शार्ट कट के चक्कर में गलत फैसले लेकर अपने और अपने शरीर से खिलवाड़ कर जाते हैं। आजकल जिम कल्चर आने से इस फील्ड से पहलवान तो गायब हो गए। वो सिर्फ पोस्टर्स और एडवरटाइजिंग में रह गए हैं, उनकी जगह बिजनेसमैन घुस गए और उनमें से अधिकतर का मकसद सिर्फ पैसा बनाना होता है

जिन लोगों का धर्म पैसा बनाना हो जाये फिर वो सही और गलत नहीं देखते और न ही वो इंसानियत का कोई मोल समझते हैं।

इसी चक्कर में वो लोगों के जीवन से भी खिलवाड़ कर जाते हैं और असली के बजाय नक़ली फ़ूड सप्लीमेंट्स दे देते हैं। जिसका सीधा असर युवाओं के लिवर और गुर्दों पर होता है।

कभी कभी बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श और बिना शरीर की आवश्यकता चेक किये हुए लड़कों को हार्मोन्स और स्टेरॉयड के इंजेक्शन भी दे दिए जाते हैं। जिसका बहुत अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसी कारण पिछले कुछ समय में काफी अच्छे और प्रसिध्द बॉडी बिल्डरों ने अपनी जान गंवाई है।

जो व्यक्ति बाहर से तो पहाड़ जैसा दिखाई देते हैं उसमें से कई वास्तविकता में अंदर से खोखले हो रहे होते हैं जो कि काफी दुखदायी है। परामर्श के बाद आप फ़ूड सप्लीमेंट्स ले सकते हैं शरीर के लिए आवश्यक तत्वों की पूर्ति इन्हीं सप्लीमेंट्स द्वारा होती है।

प्रोटीन, एमिनो एसिड्स, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन,, मिनरल्स, जिंक, आयरन आदि तत्व शरीर की आवश्यकता हैं, और बिना इनकी पूर्ति के एक अच्छा और आकर्षक शरीर पाना लगभग नामुमकिन है। आपके शरीर को किन किन तत्वों की आवश्यकता है? आप डिटेल्स में मेरे दूसरे ब्लॉग्स पढ़कर उसकी सम्पूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं अगर आपको बॉडी बिल्डर नहीं बनना है तब भी इन सब तत्वों की आपको प्रतिदिन आवश्यकता होती है।

जिम जॉइन करने से पूर्व हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
What should we keep in our mind before joining a gym?

जब भी आप कोई जिम जॉइन करें तो सबसे पहले वहां का माहौल देखें उसमें कुछ चीज़ें बहुत महत्वपूर्ण हैं जिनका आपको बेहद ख़याल रखना चाहिए।

1- सबसे ज़रूरी बात है कि आप जिस जिम में वर्कआउट करना चाहते हैं वहां जो आपका कोच और ट्रेनर है क्या उसको वास्तविकता में भी जानकारी है या बॉडी बनाकर जिम का कोच बन गया है? प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की बनावट अलग है ज़रूरी नहीं जो वर्कआउट एक व्यक्ति के लिए फायदेमंद है वही दूसरों के लिए भी फायदेमंद होगा।

2- जो जिम आप जॉइन करना चाहते हैं वहां का माहौल कैसा है?

3- जिम में साफ सफाई और हाइजीन का खास ख़याल रखा गया है या नहीं?

4- उस जिम में वर्कआउट को लेकर कोई डिसीप्लीन है या नहीं? कोई ड्रेस कोड है या नहीं शूज अनिवार्य हैं या नहीं जिससे आपके घायल होने की कम से कम संभावना हो।

5- जो लोग आपके साथ जिम में हैं वो किस तरह के लोग हैं कुछ जिम में झगड़ालू किस्म के लोग होते हैं ऐसे जिम से परहेज़ करना चाहिए।

6- जिम में जो इक्विपमेंटस हैं उनकी क्वालिटी केसी है और क्या वो सही तरह से काम कर रहे हैं?

7- जिम में ग्रीनरी का खास खयाल होना चाहिए उससे आंखों को एक ठंडक मिलती है और वर्कआउट में मन भी लगता है।

8- जिम जिस जगह स्थित है वहां आंतरिक और बाहरी सुरक्षा का भी इंतज़ाम होना चाहिए जिम में कैमरे हैं या नहीं उसका भी ख़याल रखें जिससे आप और आपका जो भी लगेज है वो सुरक्षित रह सके।

एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि अधिक वर्कआउट से बॉडी नहीं बनती बल्कि वर्कआउट मांसपेशियों को ट्रेन करने का नाम है उसके लिए वर्कऑउट भले ही कम करें लेकिन सही तरह से करें विदेशी जिम में तो सप्ताह में 4 या 5 दिन ही वर्कआउट का ट्रेंड है।

बॉडी बिल्डर बनने में खानपान और आराम का महत्व।
Importance of diet and rest to be a body builder.

लोगों को लगता है कि बॉडी बिल्डर बनने के लिए जिम काफी है जबकि हकीकत ये है कि बॉडी बिल्डर बनने के लिए वर्कआउट से अधिक डाइट और आराम की आवश्यकता होती है।

एक कम्पलीट बॉडी बिल्डर बनने के लिए अगर वर्कआउट, डाइट, और रेस्ट को प्रतिशत में बांटा जाए तो मेरे अनुसार डाइट का रोल 50%, रेस्ट का रोल 30% और जिम का रोल केवल 20% ही होता है जिस वर्कआउट पर हमारा सबसे अधिक ध्यान होता है उसकी भूमिका सबसे कम होती है।

दोस्तों ये आपको अजीब लगेगा लेकिन यही सच्चाई है हमारा ध्यान वर्कआउट से अधिक डाइट और रेस्ट पर होना चाहिए और होता इसका उल्टा है हमारा ध्यान केवल वर्कआउट पर होता है।

आजकल लड़कों को लगता है कि जिम में 1 घंटे वर्कआउट करने से वो बॉडी बिल्डर बन जाएंगे जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है।जिम में जो मशीनें हैं उनका कार्य केवल आपके शरीर को आकार देना होता है। शेष सारी भूमिका डाइट और रेस्ट की है।

जिम में जाकर आप अपनी मांसपेशियों को केवल तोड़ते हैं उनके जो भी फाइबर टूटते हैं और जो भी ब्रेकडाउन होता है वो आप अपने घर पर ही बेहतर डाइट और भरपूर आराम से ही रिपेयर कर सकते हैं।

आपका जो भी ट्रेनर हो उससे अपना डाइट प्लान अवश्य लें और उसको फॉलो भी करें फिर धीरे धीरे आप अपने शरीर में आकर्षक बदलाव महसूस करेंगे।

आपको ये ब्लॉग कैसा लगा आपसे अनुरोध है अपनी राय अवश्य दें या इससे संबंधित आपके जो भी प्रश्न हों आप कमेंट बॉक्स में जाकर पूछ सकते हैं। धन्यवाद

 

Bolnatohai

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