सहसवान नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष एवं सहसवान से समाजवादी पार्टी के टिकट के लिए प्रमुख उम्मीदवार एवं वरिष्ठ सपा नेता और समाजसेवी हाजी नूरूद्दीन ने आज अपने कार्यालय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय को स्वागत योग्य बताया है।
तीनों कृषि कानून वापस होने पर, बिल के खिलाफ रहे पूर्व नगर अध्यक्ष ने आज अपने कार्यालय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही है वो तो होना ही था पिछले 15 माह के किसानों के लंबे परिश्रम की जीत सर्दी की सर्द रातों में की गई जद्दोजहद, बारिश में भीगते हुए इंकलाब जिंदाबाद के नारे, चिल चिलाती धूप में जय जवान जय किसान के जयकारों की जीत है।
हाजी नूरुद्दीन ने कहा कि प्रधानमंत्री का किसान बिल वापस लेना स्वागत योग्य है लेकिन उन सैकड़ों किसान शहीदों के लिए अभी भी उनकी जवाबदेही बनती है जिन्होंने इस आंदोलन में अपने प्राण त्याग दिए। उनके परिवारों से भी सरकार को माफी मांगनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए। सरकार के प्रवक्ताओं और कुछ न्यूज़ एंकरों द्वारा उनकी मौत के बाद उनका चरित्रहनन भी किया गया है। उनके मरणोपरांत अब उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
पूर्व चेयरमैन ने कहा कि सरकार ने आम जन का विश्वास खो दिया है, तभी देश के किसान प्रधानमंत्री जी के कहने के बावजूद अभी तक अपना आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं हैं और कह रहे हैं कि जब तक संसद से कानून खत्म नहीं किया जाता उन्हें सरकार का भरोसा नहीं है।
पूर्व चेयरमैन ने आगे जोड़ा कि अब उन प्रवक्ताओं और नेताओं का क्या होगा और अब वह लोग जनता का सामना कैसे करेंगेे जो आंदोलनकारियों को मवाली, खालिस्तानी, आतंकवादी, देशद्रोही, आन्दोलनजीवी कहते थे।
पूर्व चेयरमैन ने कहा कि किसान ही भारत की नींव और रीढ़ हैं, किसानों के उद्धार के बिना हिंदुस्तान का भविष्य रोशन नहीं हो सकता, आज फिर साबित हो गया कि गांधी, कलाम, और भगत सिंह के महान भारत में सत्याग्रह पर चलते हुए बड़े से बड़े अन्याय और अहंकार के विरुद्ध जंग जीती जा सकती है। उन्होंने तमाम शहीद किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए तमाम आंदोलनकारियों को बधाई दी है।