इंसानियत के कोई चेहरा नहीं होता
उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ है चाहे वो हाथरस कांड हो, CAA NRC में पुलिस की भूमिका हो या अभी कुछ दिन पहले लखीमपुर में किसानों को गृह राज्य मंत्री के बेटे द्वारा कुचलने की घटना के बाद पुलिस का ढुलमुल रवैया हो उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका को लेकर तमाम तरह की बातें की जाती हैं।
इस प्रकार के कार्यों से पुलिस की छवि सुधरती है
उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते रहे हैं 2017 से पहले भी प्रदेश में सपा सरकार में पुलिस के राजनीतिक दुरुपयोग का आरोप लगता रहा है किन्तु 2017 के बाद तो यूपी पुलिस का लोगों ने एक अलग ही रूप देखा है जिसके बाद कुछ लोगों द्वारा यूपी पुलिस को योगी की पुलिस कहा जाने लगा है।
इन तमाम तरह की बातों और आरोपों के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस का एक बेहद खूबसूरत चेहरा सामने आया है जो इंसानियत की ज़िंदा मिसाल है। ज्ञात हो कि बीते 14 अगस्त को बदायूं के कोतवाली सहसवान के ग्राम नदायल के ट्रक ड्राइवर मोहम्मद मियां की बदमाशों ने उघैती थाना क्षेत्र के नजदीक खितौरा क्षेत्र में हत्या कर दी थी। उसके बाद मोहम्मद मियां की एक छोटी बहन खुशनुमा को उस समय थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह राणा ने अपनी बहन बना लिया था।
एक भाई का बहन को इससे बेहतर तोहफा नहीं हो सकता
भैया दूज के दिन थाना प्रभारी ने अपनी बहन खुशनुमा के साथ भैया दूज मनाई और तोहफे के रूप में उसको 2100₹ भी दिए उसके साथ खुशनुमा की शादी की ज़िम्मेदारी उठाने की भी बात कही।
जिस दौर में नफरत और साम्प्रदायिकता अपनी चरम सीमा पर है इस तरह के काम के लिए थाना प्रभारी के इस प्रयास को लोगों ने बहुत सराहा और उन्हें इंसानियत की मिसाल बताया।
अनवर खान
बदायूँ