लोक निर्माण विभाग द्वारा आज मुख्य बाजार की सड़क पर लोक निर्माण विभाग के मानकों के अनुरूप सड़क पर स्थित दुकानों को अवैध निर्माण के अंतर्गत चिन्हित किया गया जिसको लेकर दुकानदारों में हड़कंप मच गया, किसी भी प्रकार की आशंका को लेकर अधिकारियों की टीम के साथ प्रशासन कर लोग भी मौजूद रहे।
बदायूँ ज़िले के कस्बा सहसवान के मुख्य बाजार में आज अफरा तफरी का माहौल रहा, जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की टीम प्रशासन के साथ बाजार में अवैध निर्माण को चिन्हित करने सहसवान स्थित मुख्य बाजार पहुंची, जब अधिकारियों ने दुकाओं को चिन्हित करना आरंभ किया और बाज़ार स्थित दर्जनों दुकानें अवैध निर्माण की चपेट में आ गयीं तो दुकान स्वामियों में अफरा तफरी मच गई।
दुकानदारों में मच गया हड़कंप, जीवन भर की जमा पूंजी दांव पर
जो चिन्ह लगाए गए हैं उसके अनुसार कई दर्जन दुकानें पूर्ण रूप से नष्ट हो सकती हैं।
ज्ञात हो कि बदायूँ से सहसवान होते हुए इस्लामनगर तक लोक निर्माण विभाग की सड़क का निर्माण होना है, ये हाइवे सहसवान स्थित मुख्य बाजार से होता हुआ इस्लामनगर जाएगा और सड़क चौड़ीकरण के बाद बाजार में दर्जनों दुकानें समाप्त हो जाएंगी, जब इसके बारे में कई दशक पुराने दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सहसवान का ये बाजार दशकों पुराना है।
जब बिजली तक नहीं थी लालटेनें जलाकर बाजार चलता था
90% दुकानें नगर पालिका की हैं, हमसे पहले हमारे बुज़ुर्ग ये दुकानें चलाते थे, तब यहां बिजली भी नहीं थी बाजार में लालटेनें जलती थीं और नगर पालिका के कर्मचारी यहां आकर लालटेनें जलाया करते थे, तब से हमारे परिवार इन्हीं दुकानों पर निर्भर हैं, अगर कुछ ऐसा ही है कि ये बाज़ार लोक निर्माण विभाग के मानकों के अनुरूप नहीं हैं तो नगर पालिका को ये बाजार पहले ही चौड़ा बनाना था।
कई ऐसे दुकानदार हैं जिन्होंने केवल अपने निर्माण पर ही लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं। ये बाजार पहले से ही काफ़ी तंग है और तंगी कोई नई नहीं हैं दशकों से बाज़ार ऐसा ही बना हुआ है, अगर लोक निर्माण विभाग की कार्यवाही हुई तो सहसवान में बाज़ार के नाम पर कुछ भी नहीं बचेगा और बाजार पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।
इस बाज़ार से सैंकड़ों परिवारों का जीवन जुड़ा हुआ है।
दशकों से हम ये दुकानें चला रहे हैं अचानक से एक फरमान आ जाता है कि ये निर्माण अवैध है और इसको तोड़ दिया जाएगा। दुकानदारों का कहना है कि विकास के नाम पर सहसवान के लोग तबाह हो जाएंगे, विकास के नाम पर दशकों पुराने बाजार को नष्ट करना कहाँ का न्याय है। हमारी उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें।