प्रोटीन के फायदे और नुकसान

मेने अपने लेख गंभीर बीमारियों से बचने के उपाय और व्यायाम का महत्व में आपको आज के हालातों में व्यायाम की महत्ता को बताया था। एक जिम इंस्ट्रक्टर होने के नाते ये मेरा कर्तव्य तो है ही लेकिन एक सोशल एक्टिविस्ट होने के नाते ये मेरी ज़िम्मेदारी भी है, कि मैं आपसे जुड़कर आप तक सही बात पहुंचाने को प्रयासरत रहूँ।

शरीर के लिए आवश्यक तत्व 

जिम में जो लोग व्यायाम करते हैं या जो लोग अपनी ज़िंदगी मे व्यायाम नहीं कर पाते उनके लिए भी कुछ ऐसे आवश्यक तत्व हैं जिनकी आपके शरीर को अत्यंत आवश्यकता होती है। जिनकी पूर्ति के बिना आपका शरीर धीरे धीरे कमज़ोर होगा। और आप पर बुढापा हावी होने लगेगा। विशेषज्ञ अक्सर लोगों से उनके खान पान को लेकर सजग रहने को कहते हैं। जिससे शरीर के लिए ज़रूरी सभी तत्वों की आपूर्ति हो सके और आप बिना थकान जीवन जी सकें।

प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, आयरन, जिंक, मिनरल्स आदि वो ज़रूरी तत्व हैं जो एक शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक हैं। साधारण शब्दों में आप कह सकते हैं ये आपके शरीर की मशीन को चलाने का आवश्यक ईंधन हैं।

में ब्लॉग्स के ज़रिए आप तक ये बात पहुंचाने की कोशिश करता रहूंगा कि आपको अपने शरीर का किस प्रकार ख़याल रखना चाहिए। इसी कड़ी में आज सबसे पहले बात करेंगे शरीर और मांसपेशियों के लिए सबसे ज़रूरी तत्व की, जिसे प्रोटीन कहा जाता है।

प्रोटीन क्या है और उसके क्या फायदे हैं?

सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर प्रोटीन है क्या? सन 1838 में  प्रोटीन की खोज डच रसायनशास्त्री Rardus Johannes Mulder और स्वीडिश रसायनशास्त्री Jons Jacob Berzelius ने की थी। उन्होंने ही प्रोटीन का नाम दिया था। मानव शरीर का 20% भाग केवल प्रोटीन से बना होता है। हमारी कोशिकाएं और मांसपेशियां प्रोटीन की ही बनी होती हैं।

हमारे बालों,त्वचा,नाखूनों, रक्त, मांसपेशियों और हड्डियों की कोशिकाओं का विकास प्रोटीन से ही होता है। जीवों के शरीर के लिए प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की आधारभूत संरचना की स्थापना एवं उसकी सुरक्षा, दोनो कार्यों का इन्जाइम के रूप में शरीर की जैवरसायनिक क्रियाओं का संचालन करना है।

जब हमारे शरीर को आवश्यकता होती है तो शरीर को प्रोटीन से ऊर्जा भी मिलती है। एक ग्राम प्रोटीन लेने से शरीर को 4.1 ग्राम ऊर्जा प्राप्त होती है। प्रोटीन ही शरीर में एन्टीबॉडीज़ का निर्माण करके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके साथ प्रोटीन हृदय और फेफड़ों को भी मज़बूत बनाने मे कार्य करता है।

शरीर के स्वस्थ रहने के लिए उसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा जरूरी है। प्रोटीन की कमी से शरीर के अंदर ना तो वृद्धि हो पाएगी और ना शरीर स्वस्थ रहेगा। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि आज कल सभी आयु के लोगो में प्रोटीन की कमी पाई जाती है क्योंकि आज हमारा जो खानपान है उसमें प्रोटीन युक्त आहार बहुत कम हैं जिससे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है।

बच्चों के लिए प्रोटीन का महत्व

प्रोटीन हाइड्रोजन, नाइट्रोजन और ऑक्सिजन से बनने वाला वो तत्व है जो शरीर को बीमारियों से बचाने का कार्य करने के साथ शरीर को बाहर और अंदर से मजबूत बनाता है। बच्चों के विकास के लिए तो प्रोटीन की ज़रूरत और भी ज़्यादा होती है क्योंकि उनके शरीर के विकास के लिए प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।

जिन बच्चों के शरीर में प्रोटीन की कमी पाई जाती है उनका शरीर कभी विकास नहीं कर पाता। ऐसे में माता पिता को ये धयान रखना चाहिए कि उनके बच्चों को ज़रूरत के हिसाब से प्रोटीन मिल रहा है या नहीं। वो पूरे दिन में जो भी खाते हैं उससे उन्हें कितना प्रोटीन मिल रहा है? और उन्हें दिन में कितने प्रोटीन की आवश्यकता है? आजकल स्मार्टफोन और google

के ज़माने में ये पता लगाना इतना मुश्किल नहीं है एवं अच्छे डाइटीशियन से मिलकर भी उनके प्रोटीन की आपूर्ति के लिए डाइट प्लान भी ले सकते हैं।

प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

अक्सर लोगों का ये सवाल होता है कि हमें कितना प्रोटीन लेना चाहिए? तो इसका जवाब बड़ा आसान है आपका वजन जितना किलो है उतने ग्राम आप प्रोटीन आपको लेना चाहिए। मान लीजिए आपका वजन 60kg है तो आपको 60 ग्राम प्रोटीन लेना होगा तभी आपके शरीर की प्रोटीन की पूर्ति हो पाएगी।

अगर प्रोटीन की मात्रा कम है तो आपके रोज़मर्रा के कामों में भी आपको परेशानी और थकन होगी आदमी की अगर मांसपेशियां मजबूत होंगी तभी वो भी मज़बूत होगा।

गर्भवती महिलाओं में प्रोटीन की आवश्यकता और भी अधिक होती है

गर्भवती महिला अगर 50kg की है तो उसके लिए 63 ग्राम, जबकि स्तनपान कराने वाली महिला के लिए प्रतिदिन 75 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता हो सकती है  क्योंकि गर्भवती महिलाओं के अंदर एक और शरीर का विकास होता है और अगर गर्भ में बच्चे के विकास में प्रोटीन की कमी रह गई तो वो कमी सारी उम्र तक रहेगी।

प्रोटीन शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है। शरीर का पीएच लेवल बनाए बनाए रखने, मूड ठीक रखने और  स्ट्रेस कम करने में भी प्रोटीन की अहम भूमिका है लेकिन जागरूकता कम होने के कारण हमें इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।

हाल में इंडियन मार्किट रिसर्च ब्यूरो की एक स्टडी के मुताबिक देश के ज्यादातर लोगों की डाइट में प्रोटीन की मात्रा जरूरत से काफी कम है। अध्ययन रिपोर्ट की मानें, तो प्रोटीन से जुड़े फायदों के बारे में तो अधिकतर लोगों को पता है लेकिन आहार में इसकी मात्रा कैसे सुनिश्चित की जाये इसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं है।

चिकित्सकों का कहना है कि प्रोटीन की आवश्यकता आपके शरीर के वजन और आपके कैलोरी की मात्रा पर निर्भर करती है। आपकी कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए। अगर आप प्रतिदिन 2,000 कैलोरी का सेवन करते हैं तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से आना चाहिए।

स्रोत

मांसाहारी भोजन प्रोटीन का उत्तम स्रोत होते हैं मांस, मछली, अंडा, दूध, चिकन एवं यकृत प्रोटीन के प्रमुख स्रोत हैं।

शाकाहारी स्रोत

शाकाहारी लोगों के लिए चना, मटर, मूंग,  मसूर, उड़द, सोयाबीन,

राजमा, लोभिया, गेहूँ, मक्का प्रमुख हैं
वहीं पौधों से मिलनेवाले खाद्य पदार्थों में सोयाबीन में सबसे अधिक 40% प्रोटीन पाया जाता है लेकिन सोयाबीन अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए।

सोयाबीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। दूध, पनीर और दही भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। फलियां, अखरोट आदि का भी भरपूर मात्रा में सेवन कर सकते हैं।

प्रोटीन के क्या नुकसान हैं?

जैसा कि कहा जाता है कि अति हर चीज़ की बुरी होती है यही बात प्रोटीन के सेवन पर भी लागू होती है और उसके नुकसान भी हो सकते हैं। अधिक मात्रा में प्रोटीन से खाने से कई परेशानियां हो सकती हैं।

कब्ज़

अधिक प्रोटीन के सेवन और लो कार्बोहाइड्रेट डाइट का मतलब होता है शरीर मे फाइबर का कम पहुंचना जिसका कार्य आपके पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक है और मल त्याग को आसान करता है लगातार प्रोटीन की अधिक मात्रा से कब्ज़ हो सकता है।

डिहाइड्रेशन

प्रोटीन की अधिकता से शरीर मे पानी की कमी हो सकती है इसलिए प्रोटीन के सेवन पर पानी अधिक पीना चाहिए डिहाइड्रेशन गुर्दों के कारण होता है और गुर्दों को नाइट्रोजन को अलग करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है और बहुत ज़्यादा और लगातार मेहनत से गुर्दों पर असर हो सकता है।

ब्रेन फोगिंग

सामान्य से अधिक मात्रा में प्रोटीन लेने से ब्रेन फॉगिंग या चक्कर आने जैसी भी एक समस्या हो सकती है। जब आप प्रोटीन खाते हैं तो आपको अपने कैलोरी काउंट को बनाए रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना होता है। लो कार्ब के कारण आपके दिमाग को कम चीनी मिलती है जिसके कारण यह सिकुड़ जाता है, जिससे आपको धुंधला धुंधला महसूस हो सकता है।

साँसों की दुर्गंध

जैसे ऊपर बताया है कार्बोहाइड्रेट को कम करने से आपका शरीर मेटाबॉलिक स्टेट केटोसिस में जाता है और ये दूसरे स्रोतों से ऊर्जा बनाना शुरू करता है, इस प्रक्रिया से रसायनों का उत्पादन होता है जो शरीर में दुर्गंध का कारण बन सकता है।

वज़न बढ़ना

प्रोटीन का मुख्य काम है वजन कम करना लेकिन अधिक मात्रा में प्रोटीन के सेवन से आपका वजन अचानक से बहूत तेज़ी से बढ़ सकता है अधिक प्रोटीन का सेवन आपके शरीर मे फैट को संग्रह करने लगता है और आपका वजन बढ़ने लगता है हालांकि ये बहुत कम समय के लिए होता है।

निष्कर्ष

प्रोटीन के फायदे बहुत अधिक हैं और नुकसान बहुत कम हैं और जो नुकसान हैं वो भी उसका बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से हो सकते हैं और अति तो सभी चीजों की बुरी होती है अगर खाना और पानी जैसी मूल ज़रूरतों को भी मात्रा से अधिक ले लिया जाए तो वो नुकसान करेंगी।
आपको ये ब्लॉग कैसा लगा आपसे अनुरोध है अपनी राय अवश्य दें या इससे संबंधित आपके जो भी प्रश्न हों आप कमेंट बॉक्स में जाकर पूछ सकते हैं। धन्यवाद

 

Bolnatohai

Bolnatohai

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *