सहसवान में सड़कों का बुरा हाल, कहीं पलट जाते हैं ट्रैक्टर और कहीं टूटी पुलियों से लोग बेहाल।
उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं के कस्बा सहसवान में सड़कों की खस्ता हालत से लोग बेहाल हैं। कहीं सड़क पर इतने गहरे गड्ढे हैं की ट्रेक्टर ट्रॉली से लेकर ई-रिक्शा तक पलट जाते हैं और लोग घायल हो जाते हैं। कहीं सड़कों पर आधी आधी पुलियां गायब हैं और लोगों को लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार बाइक सवार इन टूटी पुलियों की चपेट में आकर घायल भी हो जाते हैं।
लोगों की लगातार शिकायतों के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जबकि निकाय चुनाव सर पर हैं ऐसे में तो लोगों की समस्याओं का निस्तारण नगर पालिका द्वारा तुरंत करना चाहिए आखिर वोट का सवाल है।
लोगों ने सहसवान नगरपालिका के ठेकेदारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों का तो यहां तक कहना है कि जो निर्माण कार्य नगर पालिका सहसवान द्वारा कराए जा रहे हैं, उसमें ठेकेदारों द्वारा सीमेंट का उपयोग ही नहीं किया जा रहा है, सीमेंट के स्थान पर भी रेत का ही प्रयोग किया जा रहा है। यही कारण है सहसवान के मोहल्ला सैफुल्ला गंज मैं एक पुलिया निर्माण के एक सप्ताह के भीतर दोबारा ढह गई। गनीमत रही कि उस समय कोई ई-रिक्शा या अन्य वाहन वहां से नहीं गुजर रहा था, अन्यथा गंभीर हादसा भी हो सकता था।
वहीं दूसरी ओर शाहबाजपुर से मुख्य बाजार की ओर आने वाली सड़क पर भी गहरे गहरे गड्ढे हैं, जिसके कारण आए दिन ई-रिक्शा पलट जाते हैं और लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। कई बार ट्रेक्टर ट्रॉली भी पलट जाते हैं, जिसके कारण पूरा रास्ता बंद हो जाता है।
नगर पालिका सहसवान प्रशासन का कहना है कि यह सड़क लोक निर्माण विभाग की है इस पर कार्य भी लोक निर्माण विभाग द्वारा ही कराया जा सकता है, नगरपालिका की इसके लिए कोई जिम्मेदारी नहीं है, किंतु लोगों का कहना है कि यह सहसवान की सबसे प्रमुख सड़क है और दिन में हजारों लोगों का गुज़र इस सड़क से होता है ऐसे में नगर पालिका को मिट्टी या मलबा डालकर लोगों की परेशानी को समझते हुए इन गड्ढों को भरना चाहिए जिससे इस प्रकार के हादसे रुक सकें।
सड़क चाहे लोक निर्माण विभाग की हो या नगरपालिका की परेशानी तो सहसवान के सभी नागरिकों को हो रही है, इन्हीं लोगों ने नगर पालिका अध्यक्ष को वोट देकर चेयरमैन बनाया है। अब उनकी यह जिम्मेदारी है कि वह लोगों को इस समस्या से छुटकारा दिलवाने का कार्य करें अन्यथा जनता इसका बदला चुनाव में लेगी। अधिशासी अधिकारी सहसवान नगर पालिका से जब दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने भी पुलियों का निरीक्षण किया है और ठेकेदार से जवाब मांगा है और उसे पुलिया के निर्माण कार्य को दोबारा निर्देशित किया गया है।
लेकिन एक बड़ा सवाल है कि जब कोई भी सरकारी कार्य किया जाता है तो सरकारी अभियंता द्वारा उसका निरीक्षण करके ही कार्य को पास किया जाता है और उसके बाद ही ठेकेदार को राशि प्राप्त होती है आखिर कौन से मानकों से ऐसे घटिया निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाता है इसका उत्तर केवल अभियंता ही दे सकते हैं उनसे संपर्क करने का प्रयत्न तो किया गया किंतु संपर्क नहीं हो पाया।