शेर और गधे का अंतर अगर समझ लेते, तो हालात कुछ और होते

गधा और शेर 

लेखक – अम्बुज सक्सेना (नोएडा ग़ाज़ियाबाद)

आप सभी गधा और शेर को जानते होगे
आप लोगों ने अक्सर सुना होगा कि अरे मेरा शेर…, मेरा पुत्तर तो शेर है शेर आदि एवं लोगों से ये भी सुना होगा कि तू तो बस गधा है गधा तुझे अक्ल नहीं है शेर ही लड़ सकता है गधा कुछ नहीं कर सकता है
बाकई मे ये सही बात है कि गधा संसार का सबसे बड़ा निरीह प्राणी है सीधा सादा हमेशा मुह नीचे डाले रहता है
यह जीव गजब का सहन् शील प्राणी है।इसके चेहरे का भाव एक सा बना रहता है।
इसके बारे में एक कहानी भी है कि ये धोबी के घर रहता है…….. कुछ समय बाद किसी काम का नहीं रहता है……. धोबी उसको गढ्ढे मे फ़ेक कर मिट्टी डालता है

जैसे ही गधे को समझ आया कि उसके साथ क्या हो रहा है, तो वह बहुत दुखी हुआ और उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। गधा कुछ देर चिल्लाया, लेकिन कुछ देर बाद वह चुप हो गया।……….. वह अपने शरीर से मिट्टी को नीचे गड्ढे में गिरा देता और उस मिट्टी के ऊपर चढ़ जाता, ऐसा लगातार करते रहने से…………. गधा उस पर चढ़ते हुए ऊपर आ गया। गधे की इस चतुराई को देखकर धोबी…….. गधे को गले से लगा लिया।
और गधा सबका प्यारा बन गया क्योंकि उसने किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि अपनी वफादारी निभाते हुए अपनी जान की भी परवाह नहीं की
अब शेर के बारे में बात करते हैं बहुत ही बुद्धिमान, शक्तिशाली और बहादुर प्राणी है लोग अक्सर कहते हैं कि जिओ तो शेर की तरह जिओ
पालना है तब शेर को पालो, गधे को क्यो पालो गधा तो मुर्ख है, शेर को पालना थोड़ा महंगा जरूर होता है लेकिन पालो तो शेर ही पालो मुझे भी लगता है कि ये सभी बात है
शेर जंगल का राजा होता है और राजा का काम होता है अपनी प्रजा की रक्षा करना जंगल में जितने भी प्राणी है उनके दुख दर्द को दूर करना उनकी भूख प्यास आदि को दूर करना लेकिन शेर की एक विशेषता होती है कि जब शेर को भूख लगती है तब वो सबसे पहले अपने दरबारियों को, अपनी प्रजा को सबसे पहले खाता है और अगर उसका कोई मालिक है तब अपने मालिक को खा जाता है शेर कभी अपनी भूख बर्दाश्त नहीं कर पाता है उसको तो केवल खाने को चाहिए चाहे वो उसकी जंगल की प्रजा हो या मालिक कोई भी हो जबकि गधा कभी अपने मालिक को नहीं खाता है और न ही नुकसान पहुंचाता है भूखा रह कर भी अपने मालिक का बोझ ढोता है एवं ईमानदारी से अपना काम करता है बिना किसी को नुकसान पहुंचाये
अब सोचिए कि शेर अच्छा है या गधा एक भूख लगने पर अपनी प्रजा (जंगल की ) को खाकर अपनी भूख शांत करता है और एक भूखा रह कर मालिक के प्रति वफादार रह कर अपनी जान भी न्यौछावर करने को तैयार रहता है
शेर पालने और गधा पालने का निर्णय खुद अपने आप से कीजिए बस ये ध्‍यान रहे कि शेर की प्रवृत्ति क्या होती है और गधे की प्रवृत्ति क्या होती है कौन वफादार कौन है जरूर पहचाने

कुछ किरदार से ही निकलती हे वफादारी की महक,
वक़्त का मारा हर इंसान बे-ईमान नही होता

अम्बुज सक्सेना

इस कहानी का किसी भी व्यक्ति से कोई भी संबंध नहीं है

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