बदायूँ का कस्बा सहसवान हमेशा से चर्चाओं का केंद्र रहा है ब्रिटिश काल में सहसवान ज़िला रहा है। राजनीति के अलावा भौगोलिक रूप से भी सहसवान बदायूँ का केंद्र है। इस बार सहसवान सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे को लेकर चर्चा में है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहसवान दौरे को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। आपको ज्ञात हो कि पूर्व में बदायूं जिला समाजवादी का गढ़ रहा है और समाजवादी सरकार में विशिष्ट जिलों में गिना जाता था। ज़िले की सभी विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्ज़ा था।
समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के छोटे भाई धर्मेंद्र यादव यहां से सांसद हुआ करते थे। 2017 में जब भाजपा की लहर आई तो उस लहर में समाजवादी पार्टी का ये किला ढह गया और सपा के सारे पिलर उखड़ गए। केवल सहसवान को छोड़कर समाजवादी पार्टी अपनी एक भी सीट नहीं बचा पाई।
लोग कहीं ना कहीं योगी आदित्यनाथ के दौरे को इसी रूप में देख रहे हैं कि शायद भाजपा इस बार सहसवान सीट को नहीं छोड़ना चाहती और ये सीट जीतकर बदायूँ से समाजवादी पार्टी का सूपड़ा पूरी तरह से साफ करना चाहती है।
ज़िले के सभी अधिकारी और भाजपा के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस दौरे को हर हाल में कामयाब करने के लिए दिन रात मेहनत में लगे हुए हैं। बदायूँ की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने दीवाली की सरकारी छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं और रविवार वाले दिन भी सभी सरकारी कार्यालयों को खोलने के निर्देश दिए हैं।