जैसा कि मैंने आपको अपने पिछले लेख में बताया था कि आजकल के युवाओं में आकर्षक दिखने और सुडौल शरीर पाने की होड़ लगी हुई है। वो स्वयं को बलशाली दिखाना चाहते हैं। जिससे लोगों में उनकी फॉलोइंग बढ़े। वो जल्दी से जल्दी कम मेहनत करके बिग मसल्स और सिक्स पैक एब्स बनाना चाहते हैं।
इसी चक्कर में वो शार्ट कट लेते हैं और वो शार्ट कट होते हैं स्टेरॉयड के रूप में। जो कि शरीर के लिए बेहद घातक होते हैं। लेकिन जानकारी के अभाव और जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में वो इनका सेवन शुरू कर देते हैं। इन स्टेरॉयड के रिजल्ट चमत्कारिक रूप से बेहद चोंकाने वाले होते हैं।
उसी रिजल्ट के कारण वो युवा इस स्टेरॉयड के दलदल में और भी फंसते चले जाते हैं, और बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श के इनका सेवन करते रहते हैं। जो उनके शरीर के लिए बेहद घातक सिद्ध होता है।
आज आपको स्टेरॉयड से संबंधित एक विस्तृत जानकारी लेकर उपस्थित हूँ। आशा करता हूँ आप लोगों तक सही जानकारी पहुंचा सकूंगा।
स्टेरॉयड का प्रयोग कई प्रकार के हार्मोन्स को बढ़ाने के लिए किया जाता है। उसके साथ ही परुषों में यौन हार्मोन बढ़ाने, प्रजनन क्षमता बढ़ाने, इम्युनिटी बढ़ाने व मेटाबोलिज्म को दुरुस्त करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा पुरुष अपनी मांसपेशियों और हड्डियों का घनत्व बढ़ाने के लिए भी स्टेरॉयड का प्रयोग करते हैं। ये टेबलेट्स, इंजेक्शन्स, सीरप, स्प्रे आदि के रूप में आते हैं।
स्टेरॉयड के प्रकार types of steroid in hindi. Steroid ke prakar in hindi। स्टेरॉयड दवाइयों के दो प्रकार होते हैं-
1- कॉर्टिको स्टेरॉइड्स
2- एनाबोलिक स्टेरॉइड्स (एनाबॉलिक–एंड्रोजेनिक)
कॉर्टिको स्टेरॉइड्स वो है जिनका प्रयोग कई बीमारियों में इलाज के लिए किया जाता है। ये स्टेरॉयड दवाएं मानव-निर्मित होती हैं और नेचुरल स्टेरॉयड का कृत्रिम रूप होती हैं।
ये स्टेरॉयड दवाएं कई अलग-अलग रोगों के इलाज के लिए भी प्रयोग में लाई जाती हैं, जैसे श्वास नली में सूजन,अस्थमा,एवं कई प्रकार के कैंसर में भी इनका उपयोग लाभदायक है। इसके साथ ही कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के त्वरित असर में भी सहायक है।
एनाबॉलिक (या एनाबॉलिक–एंड्रोजेनिक) स्टेरॉयड : एनाबॉलिक स्टेरॉयड का उपयोग अधिकतर एथलीट,बॉडी बिल्डर्स,वेटलिफ्टर करते हैं इनका कार्य मांसपेशियों के टूटने को रोकने के साथ उनका उत्पादन करना भी होता है।
ये स्टेरॉयड लेने से शरीर की क्षमता बढ़ जाती है जिसका सीधा असर खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर पड़ता है। इनको लेने के बाद चमत्कारिक रूप से अधिक वजन उठाने, तेज़ और दूर तक दौड़ना, दूर तक मार करना, और गति भी बढ़ जाती है।
इसीलिए बड़े बड़े टूर्नामेंट और देशों में अब डोपिंग के विरुद्ध कानून बनाये गए हैं और खिलाड़ियों के टेस्ट भी करवाये जाते हैं। अगर हम अपने देश की बात करें तो हमारे यहां बिना किसी मेडिकल प्रोफेशनल के पर्चे के एनाबॉलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल कानून के विरुद्ध है।
एनाबोलिक स्टेरॉयड केवल डॉक्टर के द्वारा प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध होते हैं, लेकिन आजकल ये बंद दरवाजों से भी मार्किट में मिल जाते हैं। जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है गलत तरीके से बिकने के कारण इनकी ऑथेंसिटी भी एक बड़ा खतरा हो सकती है।
स्टेरॉयड से होने वाले घातक परिणाम
fatal consequences of steroids
Steroid se hone wale nuksaan in hindi
जो चीज़ बिक ही चोरी से रही है उसके असली और नकली की पहचान करने कौन कहाँ जा सकता है ना ही कोई पूछने वाला होगा और न ही बताने वाला। जल्दी बॉडी बिल्डर बनने और बनाने की चाहत में जिम ट्रेनर और जिम ओनर भी इनको अवश्य बेचते होंगे। सुनने में आया है कि इन स्टेरॉयड को बदले हुए नामों के साथ मार्किट में बेचा जाता है।
स्टेरॉयड का सेवन अत्यंत घातक हो सकता है अक्सर देखा जाता है कि युवा अपने सिक्स पैक एब्स के लिए अपने पेट में इंजेक्शन लगवाते हैं इसका सीधा असर उनकी त्वचा पर दिखाई भी देता है लेकिन स्टेरॉयड के और भी घातक परिणाम हो सकते हैं।
जो लोग स्टेरॉयड का सेवन करते हैं उनका दिल स्टेरॉयड नहीं लेने वालों की तुलना में बेहद कमजोर होता है। अगर व्यक्ति का दिल कमज़ोर होगा तो उससे जुड़ी कई बीमारियां उस व्यक्ति को होने के साथ शरीर को आवश्यक ब्लड की सप्लाई भी नहीं हो पाएगी, और इस कंडीशन में दिल भी काम करना बंद कर सकता है, जो व्यक्ति की मौत की भी वजह बन सकता है।
एनाबोलिक स्टेरॉयड का लंबे समय तक सेवन करने से कोरोनरी धमनी रोग की भी संभावना बढ़ जाती है, जिसके कारण दिल का धमनी से तालमेल नहीं रहता और उसकी क्षमता कम हो जाती है और वो बेहद लचीला हो जाता है। स्टेरॉयड का सेवन करने वालों की धमनियों में गंदगी भी बढ़ जाती है। इस गंदगी के बढ़ने से हृदय रोगों की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
ये ज़रूरी नहीं है कि आप स्टेरॉयड बहुत अधिक मात्रा या बहुत अधिक अवधि तक लेंगे तभी रोगों की संभावना है, बल्कि बहुत कम वक़्त के लिए स्टेरॉयड लेने से भी दिल को नुकसान पहुंच सकता है। वेसे ये बात तो है ही कि जो व्यक्ति जितना अधिक स्टेरॉयड लेगा उसके दिल को उतना ही नुकसान होगा और वो उतना ही खतरे में रहेगा।
किडनी और लीवर के लिए भी घातक।Steroids are also fatal to the kidneys and liver
स्टेरॉयड से व्यक्ति की किडनी भी फेल हो सकती है एवं यकृत (Lever) की भी क्षति हो सकती है इसके सेवन से अंडकोष (Testicles) भी सिकुड़ सकते हैं।लोग स्टेरॉयड लेना छोड़ देते हैं उसके कई साल बाद तक भी इसके साइड इफेक्ट्स रह सकते हैं।
मेरा तमाम लोगों से अनुरोध है कि शरीर के लिए नेचुरल तत्वों को प्रमुखता दें, और कोशिश करें कि उन्हीं के सहारे स्वयं को मजबूत बनाएं और शरीर को आकर्षक बनाएं।
इसमे थोड़ी देर तो हो सकती है लेकिन वो जो ताकत होगी वो स्थायी और प्राकृतिक होगी जो देर तक और दूर तक आपका साथ देगी और शरीर को रोगमुक्त भी रखेगी। व्यायाम से शरीर को रोग मुक्त बनाना हमारा उद्देश्य होना चाहिए न कि शॉर्टकट के चक्कर में इसको अधिक रोगग्रस्त करना।
भारत की तुलना में विकसित देशों में स्टेरॉयड लेना आसान है क्योंकि वहां लोग हमारे देश की तुलना में अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत हैं और समय समय पर अपने शरीर की जांच करवाकर हार्मोन्स की कमी का पता लगाकर विशेषज्ञों की देख रेख में आवश्यक स्टेरॉयड लेते हैं जिससे उनको खतरे की संभावना भारत की तुलना में कम रहती है।
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मेरी उन माता पिता से भी गुज़ारिश है जिनके बच्चे जिम जा रहे हैं आप देखिए कि कहीं वो कोई स्टेरॉयड तो नहीं ले रहे हैं ये भी ध्यान रखें कि फूड सप्लीमेंट्स और स्टेरॉइड्स में अंतर है फूड सप्लीमेंट्स लेने में बुराई नहीं है।
परामर्श के बाद वो लिए जा सकते हैं लेकिन स्टेरॉयड से बचना अत्यंत आवश्यक है कहीं शॉर्टकट के चक्कर में आपका बच्चा स्वयं के शरीर से खिलवाड़ तो नहीं कर रहा है इसकी भी ज़िम्मेदारी भी आपको लेनी चाहिए।
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