विटामिन्स के फायदे

 शरीर को जिस प्रकार प्रोटीन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार शरीर के लिए विटामिन्स की भी अत्यंत आवश्यकता होती है। अगर शरीर में विटामिन की कमी हो जाएगी तो शरीर रोगग्रस्त और कमज़ोर हो जाएगा।

विटामिन (vitamin) भोजन के अवयव (Components) हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। अगर रासायनिक भाषा मे कहा जाए तो ये कार्बनिक यौगिक होते हैं, इन्हें ही विटामिन कहा जाता है।

जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता है और इसको भोजन के रूप में ही लिया जा सकता है। विटामिन के भिन्न प्रकार हैं जिनके बारे में और जिनकी कमी से होने वाले रोगों और समस्याओं को विस्तृत रूप से आपके सामने उल्लेखित करता हूँ।

विटामिन A

विटामिन A मनुष्यों की आँखों की दृष्टि के लिये बहुत ज़रूरी होता है। रात में जो लोग नहीं देख पाते या जिसको रतोंधी कहा जाता है उसका कारण केवल विटामिन A की कमी ही होता है। कभी कभी आंखों में इसकी कमी के कारण घाव भी हो जाते हैं।

जिन लोगों की आंखों के आंसू नहीं आते उसका कारण भी विटामिन आ की कमी ही है इसकी कमी से कभी कभी आंखों में घाव भी हो जाते हैं।
साथ ही विटामिन A शरीर के अंगों को उनके सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जिसमे मनुष्य की हड्डियां,उसकी त्वचा,दांत,मसूड़े,बाल,नाखून, शामिल हैं।

इसके साथ विटामिन A शरीर को संक्रामक रोगों से भी बचाता है। ये विटामिन बच्चों के कद बढ़ाने में भी सहायक है और इसके अभाव में बच्चों के विकास की गति भी धीमी हो जाती है। त्वचा की चमक और बाल भी रूखे हो जाते हैं और चमक नहीं रहती। शरीर का बीमारियों से संक्रमण रेशो बढ़ जाता है लोग आसानी से बीमार हो जाते हैं।

स्रोत

विटामिन ए के प्रमुख स्रोत ताजे फल ,मांस, मछली, मछली का तेल, अंडा, दूध, मक्खन, हरी सब्जियों और गाजर हैं।
विटामिन A की कमी पूरी करने के लिए बाजार में मल्टी विटामिन कैप्सूल भी आसानी से मिल जाते हैं आप किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेकर इनका सेवन करके विटामिन्स की कमी को पूरा कर सकते हैं।

विटामिन B

विटामिन बी ऐसा विटामिन है जिसके कई भाग हैं इन्हीं सब भागों को B काम्प्लेक्स का नाम दिया गया है। वेसे तो सभी भाग इसका ही अभिन्न होते हैं किंतु सबकी खासियत अलग होती है।

इसका प्रमुख कार्य शरीर को ताक़त देना होता है और शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। विटामिन B की कमी से शरीर रोगग्रस्त हो जाता है। विटामिन B कॉम्पलेक्स जिन चीजों में होता है उनको आग पर ज़्यादा नहीं पकाना चाहिए क्योंकि ये 120 सेंटीग्रेड तक की गर्मी सहन कर सकता है। उससे अधिक तापमान पर ये नष्ट हो जाता है।

ये पानी मे आसानी से घुल जाता है। भोजन डाइजेस्ट करने के लिए ये बहुत ज़रूरी होता है ये लोगों की भूख को बढ़ाकर शरीर को जीवन शक्ति देता है। खाया-पिया अंग लगाने में सहायता प्रदान करता है।

स्रोत

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स सब्ज़ियों में टमाटर, हरी पत्तियों का साग

वनस्पति साग-सब्जी, आलू, ताज़े सेम, मटर, पालक, बंद गोभी, ताज़े फल, नारंगी, अंगूर, मक्का, चना, गेंहू, चावल, जौ,  बादाम, अखरोट, नारियल, पिस्ता, मछली, अंडा आदि आते हैं।

विटामिन C

विटामिन C को एस्कोरबिक ऐसिड भी कहा जाता है। यह शरीर की कोशिकाओं को बांधता है। और शरीर के अंगों को उनका आकार बनाने में मदद करता है। यह शरीर की खून की नसों (blood vessels) को मजबूत करता है। इसके साथ विटामिन C सर्दी-जुकाम में दवा का भी काम करता है।
इसकी कमी से मसूड़ों से खून बहता है, दाँत में दर्द हो सकता है, दाँतों के मसूड़े ढीले हो सकते हैं और दांत निकल सकते हैं। खून में जो थक्का जमता है उसमें कमी आ सकती है जिसके कारण चोटिल होने पर खून अधिक निकल सकता है। विटामिन C की कमी के कारण भूख भी कम लगती है। बचपन मे पढ़ा था कि बहुत अधिक विटामिन C की कमी से स्कर्वी (scurvy) रोग हो सकता है। विटामिन सी की कमी से वजन भी कम हो जाता है
विटामिन C की कमी से शरीर के विभिन्न अंगों में पथरी हो सकती है। खून में कमी या एनिमीया (anemia) हो सकता है।
इसकी कमी से पेशाब में जलन या दर्द हो सकता है। पेट खराब रहता है और दस्त हो सकते हैं।

स्रोत

 कई फ्रूट ऐसे हैं जिनमें भरपूर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है। विटामिन C की कमी को पूरा करने के लिए आप

नींबू, मौसमी, नारंगी जैसे फल या सिट्रस फ्रूट्स, लीची, अनानास, तरबूज, चेरी के जूस का सेवन कर सकते हैं। इन फलों का जूस इम्यूनिटी बूस्टर का काम करने के साथ ही विटामिन C की कमी को भी पूरा करेगा।

विटामिन D

विटामिन D हड्डीयों को बनाने और संभाल कर रखने में मदद करता है। उसके साथ यह शरीर में केल्शियम के स्तर को नियंत्रित रखता है। विटामिन D की कमी के कारण हड्डीयाँ कमजोर हो जाती हैं और कमज़ोर होने के कारण आसानी से फ्रेक्चर भी हो सकता है।
बच्चों में हड्डियों के कमजोर होने को रिकेट्स (Rickets) कहते हैं और अगर व्यस्क लोगों की हड्डियों के कमजोर होने को ओस्टीयोमलेशिया (osteomalacia) कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं।
इस कमी से भी शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे गुर्दे में, दिल में, या अन्य जगह पथरी हो सकती है। इसकी कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और खून में कोलेस्ट्रोल अधिक हो सकता है और कोलेस्ट्रॉल का सीधा असर मनुष्य के दिल पर होता है।उसके साथ चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना और सिरदर्द भी हो सकता है। पेट खराब होने के कारण दस्त भी हो सकते है।

स्रोत

सूरज की धूप इसका सबसे अच्छा स्रोत है उसके साथ ही अंडे की जर्दी , मछली का तेल, मछली ( salmon, tuna), दूध, मशरूम, सोया फ़ूड और बटर इसके अच्छे स्रोत हैं।

विटामिन E

विटामिन E का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है खून में लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) बनाना। दूसरे विटामिन की भांति विटामिन E भी शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जिसमे मांसपेशियां, टिशू प्रमुख हैं।
विटामिन E के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है ये त्वचा और बालों के लिए बहुत लाभदायक है और उन्हें चमक प्रदान करता है ऑक्सीजन के नुकसान, जिसे ऑक्सिजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं से भी बचाता है। इसके इस गुण को ही एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहते है । यह कोशिका के अस्तित्व बनाये रखने और उनके बाहरी कवच को बनाये में भी सहायक है।
उसके साथ ही विटामिन E शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलित रखता है। जिन शिशुओं का जन्म समय से पहले हो जाता है उनमें विटामिन E की कमी से खून की कमी हो जाती है और उनको एनिमीया हो सकता है।

स्रोत

विटामिन E का सबसे अच्छा स्रोत है बादाम कच्चे बादाम को दूध में मिलाकर पीने से विटामिन E की बड़ी मात्रा में पूर्ति होती है सूरजमुखी और कद्दू के बीज भी विटामिन E का मुख्य स्रोत होते हैं बादाम का तेल, सूरजमुखी का तेल, ब्रोकली , पपीता, मूंगफली , पीनट बटर , झींगा मछली आदि विटामिन E का मुख्य स्रोत हैं।
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Bolnatohai

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